राम के अयोध्या लौटने पर त्रेता युग में भी कुछ ऐसा ही रहा होगा उत्सव
by Abhilash Shukla
- Published On : 23-Jan-2024 (Updated On : 23-Jan-2024 11:56 am )
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राम के अयोध्या लौटने पर त्रेता युग में भी कुछ ऐसा ही रहा होगा उत्सव
लंका पर विजय पाकर प्रभु राम जब कार्तिक मास की अमावस्या को अपने धाम अयोध्या लौटे तो अयोध्यावासियों ने उनका भव्य स्वागत किया था| शास्त्रों के मुताबिक पूरी अयोध्या को ना ना प्रकार के फूलो से सजाया गया था| दुल्हन की तरह सजी अयोध्या में राम के आगमन का उत्साह देखते ही बनता था विभिन्न वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियां वातावरण में उत्साह का संचार कर रहीं थीं | धरती से लेकर आसमान तक सब राम मय ही था | देवता आसमान से फूल बरसा रहे थे प्रभु राम का स्वागत कर रहे थे | अयोध्या वासियों ने प्रभु राम के आगमन पर दीपोत्सव मना कर अपनी ख़ुशी अपनी आस्था प्रकट की थी पूरी अयोध्या दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी| चारों और सिर्फ खुशियां और आस्था का सैलाब था पूरा माहौल आनंदित कर देने वाला था | हर कोई अपने प्रभु की एक झलक पाने को आतुर था | प्रभु राम के आगमन से प्रकृति भी खिल उठी थी | २२ जनवरी २०२४ को भी जब राम अपने धाम में विराजे तो जो उत्सव मना वो त्रेता युग के उत्सव का अहसास दिलाता सा लगा | गौर कीजिए शास्त्रों में वर्णित त्रेता युग का उत्सव और अभी का उत्सव जरा भी अलग नहीं था | हाँ ये जरूर था की इस उत्सव में कुछ आधुनिकता की चमक थी जो स्वाभाविक भी थी | बाकि सब एक जैसा ही था | इस बार भी सभी को राम के आगमन की बेसब्री से प्रतीक्षा थी | पूरी अयोध्या दुल्हन की तरह सजी धजी अपने प्रभु राम के स्वागत को उत्सुक थी |
वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियां वातावरण में उसी तरह उत्साह का संचार कर रहीं थीं | तब भी अयोध्या वासी प्रभु राम की एक झलक पाने को लालायित थी | अब भी अयोध्यावासी की बेसब्री वही थी | तब आसमान से फूल बरसाए गए थे अब भी आसमान से फूल बरसाए गए | फर्क बस इतना था कि तब देवताओं ने फूल बरसाए थे इस बार हेलीकाप्टर से फूल बरसाए गए |अयोध्या में सात दिन से सूरज के दर्शन नहीं हुए थे मगर २२ तारीख को सूर्य देव भी प्रभु राम की स्तुति करने पूरे तेज के साथ प्रगट हुए| ये भी प्रभु राम की ही महिमा थी | तब भी पूरी दुनिया राम मय थी अब भी पूरी दुनिया राम मय रही शाम को दीपोत्सव से हर आँगन रोशन हो उठा, जमकर आतिशबाजी हुई |
आतिशबाजी भी ऐसी की समूचा आसमान रंग बिरंगी रोशनी से नहा उठा | बच्चे बुजुर्ग युवा महिलाएं सभी वर्ग उत्साहित था | सभी अपने जीवन को धन्य मान प्रभु राम की आराधना में लीन थे | लंका विजय और असुरों का संहार कर प्रभु राम ने धरती पर धर्म की स्थापना की और देखा जाए तो अयोध्या में प्रभु राम के अपने धाम विराजित होने से एक बार फिर धर्म की ही स्थापना हुई है
इतिहास में दर्ज हो गई २२ जनवरी २०२४
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही २२ जनवरी २०२४ की तारीख इतिहास में दर्ज हो गई | ये साल दो दीपोत्सव के लिए भी याद किया जाएगा | इस दिन पूरे देश में दिवाली मनाई गई | हर घर रोशनी से जगमगा उठा आतिशबाजी ऐसी मानो कार्तिक मास की अमावस्या की दिवाली भी फीकी लगने लगे | कार्तिक मास की अमावस्या पर पांच दिवसीय दीपोत्सव मनाया जाता है इस बार सात दिवसीय उत्सव मना | बाजार की रौनक दीपावली से बढ़कर दिखी | कारोबार में भी उछाल आया | कारोबारी बोलते दिखे की दिवाली से ज्यादा व्यापार हुआ | सजावटी सामग्री,केसरिया पताका,दिए,मिठाई की कमी देख गई | देश दुनिया से लेकर गांव गांव भोजन भंडारे भजन कीर्तन की श्रृंखला अनवरत बहती रही | अपने ईष्ट के प्रति श्रद्धा का ऐसा सैलाब उमड़ा जिसमें हर कोई सरयू की लहरों की तरह बहता ही चला गया |
Abhilash Shukla
A Electronic and print media veteran having more than two decades of experience in working for various media houses and ensuring that the quality of the news items are maintained.
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