खनिज माफिया गौरव पाल और नामदेव की पार्टनरशिप उजागर, दो बार अवैध उत्खनन और परिवहन का मामला पकड़े जाने के बाद भी नहीं की कार्रवाई
by Harish Fatehchandani
- Published On : 30-Jan-2025 (Updated On : 30-Jan-2025 05:44 pm )
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इंदौर। प्रदेश सरकार को 140 करोड़ का चूना लगाने वाले सहायक खनिज अधिकार जयदीप नामदेव की खनिज माफिया गौरव पाल से पार्टनरशिप अब उजागर हो चुकी है। सहायक खनिज अधिकारी सीएस डामोर के उस प्रतिवेदन को भी नामदेव ने दबा रखा है, जिसमें गौरव पाल की खदान के खिलाफ कार्रवाई के बारे में लिखा है। इतना ही नहीं जनवरी 2024 में भी डामोर ने पाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा था, लेकिन वह प्रतिवेदन भी नामदेव दबा बैठे।
उल्लेखनीय है कि नामदेव लगातार झूठी शिकायतें करवाकर कार्रवाई के बहाने अपना हित साधते रहे हैं। गुरुवार 30 जनवरी को ही नामदेव ने ग्राम धर्नावत में अमचेरा कंस्ट्क्रशन कंपनी के ऊपर एक शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है, जिसमें कोई प्रमाण भी नहीं थे। वहीं दूसरी तरफ सहायक खनिज अधिकारी सीएएस डामोर का वह प्रतिवेदन भी है, जिसमें गौरव पाल की गाड़ी पकड़े जाने का जिक्र किया गया है। इस पर नामदेव ने न तो अब तक कोई कार्रवाई की और न ही उच्च अधिकारियों तक मामला पहुंचने दिया। डामोर ने 2024 में भी गौरव पाल का डंपर पकड़ा था, प्रतिवेदन भी दिया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
डामोर ने नैनोद में पकड़ा था पाल का डंपर
सहायक खनिज अधिकारी डामोर ने 28 जनवरी को कलेक्टर, खनिज शाखा को एक प्रतिवेदन भेजा है। इसमें कहा गया है कि नैनोद में 16 जनवरी को अवैध रूप से खनिज परिवहन करते एक डंपर एमपी 09 एचएच 7432 पकड़ा गया है। इसे जब्त कर पुलिस थाना / चौकी गांधीनगर की अभिरक्षा में खड़ा किया गया है। इस प्रतिवेदन में बताया गया है कि यह डंपर छगन पिता श्री मदनलाल निवासी जवाहर टेकरी चला रहा था। डामोर ने प्रतिवेदन में 28 घन मीटर गिट्टी की 3360 रुपए रायल्टी लगाई है। रायल्टी राशि का 15 गुना जुर्माना 50,400 रुपए लगाया है। पर्यावरण क्षतिपूर्ति की राशि 4 लाख, प्रशमन शुल्क 1000 सहित कुल 4 लाख 51 हजार 400 रुपए का जुर्माना लगाया है।
गाड़ी और क्रेशर मशीन दोनों गौरव पाल की
प्रतिवेदन में कहा गया है कि इस वाहन का मालिक मेसर्स आशीष कंस्ट्रक्शन तर्फे प्रोपायटर गौरव पाल पिता लखन पाल निवासी निवासी 93 विश्वकर्मा नगर इंदौर है। यह खनिज ग्राम रंगवासा, तहसील देपालपुर, खसरा नंबर 62/1/2/2 रकबा 4.500 व खसरा नंबर 62/1/2/1 रकबा 2 हेक्टेयर स्थित गौरव पाल की क्रेशर मशीन से भरकर लाया गया है।
ईटीपी जारी करने में भारी गड़बड़
ग्राम रंगवासा, तहसील देपालपुर, खसरा नंबर 62/1/2/2 रकबा 4.500 के ई-अभिवहन पास दिनांक 01/01/2025 से 23/01/2025 तक के जांच करने पर पाया गया कि अब तक मात्र 27 ईटीपी जारी हुई है। जबकि उक्त वाहन जब्त होने के दिनांक 16-01-25 से 22-01-25 तक के सात दिनों में ईटीपी की संख्या में लगभग दोगुना बढोत्तररी पाई गई। इन 7 दिनों 61 ईटीपी जारी होना पाया गया। अत: गौरव पाल की सभी खदानों के गड्ढे की जांच होनी चाहिए, जिससे बड़ा खनिज घोटाला सामने आएगा।
दूसरी खदान में भी मिली गड़बड़ी
इसी प्रकार उत्खनिपट्टा लीज आई.डी. 9702 ग्राम रंगवासा तहसील देपालपुर खसरा नं 62/1/2/1 रकबा 2.00 हेक्टेयर से जारी की गई, ई-अभिवहन पास दिनांक 01/01/2025 से 15/01/2025 तक के जांच करने पर पाया गया कि मात्र 32 ईटीपी जारी हुई है। उक्त वाहन जब्त होने के दिनांक 16/01/2025 के बाद 7 दिवस में ईटीपी की संख्या में जबरदस्त बढोतरी पायी गयी। 7 दिवस में 47 ईटीपी जारी कर दी गई।
पहले भी पकड़े गए थे पाल के अवैध खनिज से भरे डंपर
प्रतिवेदन के अनुसार पट्टाधारी द्वारा दोनों उत्खनिपट्टा क्षेत्र में जांच न होने के कारण पट्टा क्षेत्र में खनिज उत्पादन निकासी ईटीपी जारी करने एवं खनिज विकय में भारी हेरफेर होना प्रतीत होता है। उक्त पट्टाधारी द्वारा पूर्व में भी अवैध खनिज भरे डम्पर पकडे जाने पर उच्च अधिकारियों से वाद-विवाद कर अर्थदण्ड मुक्त वाहन छुड़ाने का असफल प्रयास किया गया है।
ठोस कार्रवाई नहीं होने से पाल के हौसले बुलंद
सहायक खनिज अधिकारी डामोर ने लिखा है कि इससे पहले भी गौरव पाल के खिलाफ कलेक्टर, उपसंचालक, खनिज शाखा को म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के निमय 30 (26) के अंतर्गत उत्खनिपट्टा पर कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी, जो कि आज दिनांक तक उक्त पट्टाधारी पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। इससे पाल के हौसले और बुलंद हो गए और वह लगातार अवैध खनन कर रहा है।
गड्ढों की जांच कर नपती करना जरूरी
डामरो ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि वर्तमान संदर्भ में स्पष्ट होता है कि गौरव पाल द्वारा उक्त उत्खनिपट्टा क्षेत्र में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 की शर्तों व पट्टाविलेख की शर्तों का उल्लंघन कर पट्टाक्षेत्र में स्वीकृत खनिज का उत्पादन, निकासी, विक्रय किया गया है। इस प्रकार के कृत्य के लिए उक्त पट्टेदार के पक्ष में स्वीकृत समस्त उत्खनिपट्टे व अनुज्ञा स्थल के खनिज उत्खनन गढ्ढों की जांच कर म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के अंतर्गत कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है।
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