जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य देने के प्रस्ताव पर एलजी की मुहर, अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में
by Ardhendu bhushan
- Published On : 19-Oct-2024 (Updated On : 19-Oct-2024 09:24 pm )
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला कैबिनेट ने हाल ही में राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया था। शनिवार को एलजी मनोज सिन्हा ने कैबिनेट के इस फैसले पर मुहर लगा दी है। अब गेंद पूरी तरह से केंद्र सरकार के पाले में है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने भी पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था।
जम्मू-कश्मीर के सरकारी प्रवक्ता के अनुसार गुरुवार को उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य का मूल दर्जा बहाल कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इस प्रस्ताव को एलजी ने मंजूर कर लिया है। प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि राज्य का दर्जा बहाल करना सुधार प्रक्रिया की एक शुरुआत होगी। इससे संवैधानिक अधिकार पुन: बहाल होंगे। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार के समक्ष मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है। इसके लिए उमर अब्दुल्ला दिल्ली जाने वाले हैं। मंत्रिमंडल ने चार नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला भी लिया है। इसके लिए एलजी के पास अनुरोध भेज गया है।
अनुच्छेद 370 का जिक्र नहीं
उमर कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव तो पास कर दिया लेकिन इसमें कहीं अनुच्छेद 370 का जिक्र नहीं है। इसके कारण विरोधी दलों ने सरकार की आलोचना भी की है। कई दलों ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह आत्मसमर्पण करार दिया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने इसकी आलोचना की है। इन पार्टियों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को आर्टिकल 370 बहाल कराने का वादा भी याद दिलाया है।
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