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वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने में सात दिन में जवाब देगी सरकार, तब तक कोई नियुक्ति नहीं होगी, अगली सुनवाई 5 मई को

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर आज लगातार दूसरे दिन भी सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने कहा था कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं और इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और आश्वासन दिया कि बोर्ड या काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी। अब अगली सुनवाई पांच मई को होगी।

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ से केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है। सरकार को लाखों-लाखों प्रतिनिधि मिले, गांव-गांव वक्फ में शामिल किए गए। इतनी सारी जमीनों पर वक्फ का दावा किया जाता है। इसे कानून का हिस्सा माना जाता है। मेहता ने कहा कि कानून पर रोक लगाना एक कठोर कदम होगा और उन्होंने अदालत के समक्ष कुछ दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। यह ऐसा मामला नहीं है, जिस पर इस तरह से विचार किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने कहा था कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं और इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती। वह नहीं चाहता कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव हो। कोर्ट ने कहा कि जब मामला कोर्ट में लंबित है, तो कोर्ट को यह सुनिश्चित करना होगा कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव हो। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और आश्वासन दिया कि बोर्ड या काउंसिल की कोई नियुक्ति नहीं होगी।सॉलिसिटर जनरल ने आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई की तारीख तक, वक्फ, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना के माध्यम से घोषित वक्फ शामिल हैं। उनको तो डीनोटिफाई किया जाएगा और ही कलेक्टर को बदला जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यथास्थिति बनी रहेगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव हो। सरकार के जवाब तक यथास्थिति बनी रहेगी। इसके साथ ही अगले आदेश तक नई नियुक्तियां भी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि जब मामला कोर्ट में लंबित है तो कोर्ट को यह सुनिश्चित करना होगा कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव हो। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और आश्वासन दिया कि बोर्ड या काउंसिल की कोई नियुक्ति नहीं होगी। अदालत ने ये भी कहा कि वक्फ बाय यूजर में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

ओवैसी ने कहा- कानूनी लड़ाई जारी रहेगी

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ काउंसिल का गठन नहीं किया जाएगा। वक्फ बाय यूजर को हटाया नहीं जा सकता। जेपीसी की चर्चा के दौरान मैंने सरकार की ओर से प्रस्तावित सभी संशोधनों का विरोध करते हुए एक रिपोर्ट दी थी और बिल पर बहस के दौरान मैंने बिल को असंवैधानिक बताया था। इस एक्ट के खिलाफ हमारी कानूनी

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Consulting Editor

Ardhendu bhushan

Ardhendu Bhushan

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