दिल्ली
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष: कानून वैध, धार्मिक स्वायत्तता का उल्लंघन नहीं
by Abhilash Shukla
- Published On : 26-Apr-2025 (Updated On : 26-Apr-2025 09:18 am )
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वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष: कानून वैध, धार्मिक स्वायत्तता का उल्लंघन नहीं
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की। केंद्र ने अदालत से कहा कि इस कानून पर पूर्ण रोक नहीं लगाई जा सकती क्योंकि इसे पहले से ही संवैधानिक माना गया है।
1,332 पृष्ठों के अपने प्रारंभिक जवाबी हलफनामे में केंद्र ने विवादास्पद कानून का दृढ़ता से बचाव किया। हलफनामे में बताया गया कि वर्ष 2013 के बाद वक्फ की भूमि में 20 लाख हेक्टेयर से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जो चिंताजनक है।
केंद्र ने कहा कि भारत में मुगल काल से लेकर स्वतंत्रता के बाद तक कुल 18,29,163.896 एकड़ भूमि पर वक्फ बनाए गए। सरकार ने आरोप लगाया कि पूर्व के प्रावधानों का दुरुपयोग कर निजी और सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण किया गया।
यह हलफनामा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव शेरशा सी शेख मोहिद्दीन की ओर से दायर किया गया। इसमें कहा गया है कि संवैधानिक अदालतें किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगा सकतीं जब तक उसका अंतिम निर्णय न हो जाए, और संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को संवैधानिक रूप से वैध मानने की धारणा रहती है।
सरकार ने कहा कि ऐसी याचिकाएं इस झूठे आधार पर आगे बढ़ रही हैं कि संशोधन से धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। जबकि अदालत केवल विधायी क्षमता और संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकती है।
केंद्र ने यह भी बताया कि संशोधन एक संसदीय समिति के गहन अध्ययन और विश्लेषण के बाद लाए गए हैं, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल थे।
सरकार ने अंत में कहा कि संसद ने वक्फ जैसी धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन को पारदर्शी और जनविश्वास के अनुरूप बनाए रखने के उद्देश्य से यह संशोधन किया है, और यह विधायी शक्ति के वैध प्रयोग का हिस्सा है। अदालतों द्वारा इस विधायी व्यवस्था को बिना पर्याप्त कारण बदला जाना अस्वीकार्य होगा।
Editor
Abhilash Shukla
A Electronic and print media veteran having more than two decades of experience in working for various media houses and ensuring that the quality of the news items are maintained.
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