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भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज: जेंटलमेन गेम में  विवाद , ऑस्ट्रेलियाई  मीडिया और बोर्ड का दोहरा रवैया,खिलाड़ी  भी उलझे 

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भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज: जेंटलमेन गेम में  विवाद , ऑस्ट्रेलियाई  मीडिया और बोर्ड का दोहरा रवैया,खिलाड़ी  भी उलझे 

क्रिकेट को जेंटलमेन गेम कहा जाता है यानि वो  खेल जो सदाचारी तरीके से खेला जाए और इसे अंग्रेजी अभिजात वर्गों द्वारा 17 वीं  शताब्दी में तय किया गया था इसका ये भी मतलब है कि  इसमें अपशब्दों ,धोखा, गुस्सा नहीं होना चाहिए लेकिन ऑस्ट्रेलिया में जारी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में वो सब देखा कहा सुना गया जो जेंटलमेन गेम की परिभाषा  से कोसों दूर है भारत और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज   केवल मैदान पर नहीं, बल्कि मैदान के बाहर भी चर्चाओं और विवादों का केंद्र बनती रही है। भारतीय टीम से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी तो खिलाड़ी ,ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड भी जेंटलमेन गेम के इतर व्यवहार करता रहा  माना मेजबान टीम के प्रति घरु दर्शक, स्थानीय मीडिया और स्थानीय क्रिकेट बोर्ड की सहानुभूति होती है मगर इसका मतलब ये तो नहीं की आप मेहमानों  के प्रति न सिर्फ दोहरा रवैया अपनाएं  बल्कि उनकी  निजता के हनन के साथ उन्हें भला बुरा भी कहे  हाल ही में मेलबर्न एयरपोर्ट पर विराट कोहली और एक महिला पत्रकार के बीच हुई घटना ने एक बार फिर से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के दोहरे मापदंड को ही तो उजागर किया था ।

दरअसल ब्रिस्बेन में तीसरे टेस्ट के समापन के बाद भारतीय टीम मेलबर्न पहुंची। एयरपोर्ट पर ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों ने विराट कोहली की इजाजत के बिना उनके बच्चों की तस्वीरें लेने की कोशिश की। कोहली, जो अपने निजी जीवन को सुर्खियों से दूर रखना पसंद करते हैं, ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने पत्रकारों से उनकी गोपनीयता का सम्मान करने और उनके बच्चों की तस्वीरें डिलीट करने को कहा। हालांकि, आश्वासन मिलने पर कि कुछ रिकॉर्ड नहीं किया गया है, कोहली ने शांति से पत्रकारों से हाथ मिलाकर मामले को समाप्त किया।

लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस घटना को अलग तरीके से पेश किया। 'नाइन स्पोर्ट्स' के पत्रकारों ने कोहली पर महिला पत्रकार को धमकाने और गाली देने का आरोप लगाया। उन्होंने कोहली को 'बुली' (धमकाने वाला) कहकर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया। यह वही मीडिया है, जिसने सीरीज की शुरुआत में विराट कोहली की तारीफ की थी।फिर अचानक मीडिया  का रवैया बदल गया 

यह पहली बार नहीं था  जब ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भारतीय खिलाड़ियों को निशाना बनाया । मोहम्मद सिराज और ट्रेविस हेड विवाद में भी इसकी बानगी दिखी थी  सिराज पर झूठे आरोप लगाए गए थे, जिन्हें भारतीय पूर्व क्रिकेटर्स ने खारिज किया था ।

  • वहीं  यशस्वी जायसवाल और मिचेल स्टार्क का आमना-सामना भी हुआ जिसमें  जायसवाल को भी निशाने पर लिया गया।

  • रवींद्र जडेजा पर भी झूठे आरोप लगाए गए  जडेजा की अंग्रेजी न बोलने को लेकर मीडिया ने उन्हें लेकर गलत बातें कहीं।

  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में खेले जा रहे बॉक्सिंग डे ( क्रिसमस का अगला दिन यानी 26 दिसंबर दुनिया के कई हिस्सों में बॉक्सिंग डे कहलाता है.ऑस्ट्रेलिया में हर साल इस दिन मेलबर्न में टेस्ट मैच जरूर खेला जाता है और इस मैच को बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है)  के पहले दिन भी  विवाद हो गया दरअसल  विराट कोहली और डेब्यू कर रहे ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज सैम कोंस्टास के बीच धक्का-मुक्की हो गई।  ऑस्ट्रेलियाई पारी के 11वें ओवर में कोंस्टास ने जसप्रीत बुमराह की गेंद पर दो चौके और एक छक्का लगाया। ओवर की तीसरी गेंद के बाद कोहली नॉन स्ट्राइकर एंड से वापस आ रहे थे। वहीं, कोंस्टास क्रीज से आगे निकल रहे थे। तभी कोहली का कंधा कोंस्टास के कंधे से भिड़ गया । इस पर कोंस्टास ने पीछे मुड़कर कोहली को कुछ शब्द कहे और फिर कोहली ने भी जवाब दिया। दोनों के बीच तूतू-मैंमैं का वीडियो सामने आया है हालांकि इस मामले में विराट कोहली ही बैकफुट पर रहे और उन्हें जुर्माने का भी सामना करना पड़ा है  

ये तो हुई बात ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और खिलाड़ियों की | मामला यहीं नहीं रुका  इसके अलावा प्रैक्टिस पिच को लेकर भी बोर्ड का  भी दोहरा रवैया ही सामने आया  दरअसल मेलबर्न में दोनों टीम को मिली प्रैक्टिस पिच में भी अंतर पाया गया मेजबान ऑस्ट्रेलिया टीम को प्रैक्टिस के लिए नई तैयार  पिच दी गई जबकि  टीम इंडिया को इस्तेमाल की गई बेहद कम और आसमान उछाल वाली  पिच उपलब्ध  कराई  गई इसके चलते रोहित और आकाशदीप चोटिल भी हुए ये अलग बात है कि   पिच क्यूरेटर प्रोटोकॉल फॉलो करने की ही दुहाई देते रहे मगर यहाँ भी बोर्ड का दोहरा रवैया ही नजर आया 

विवाद सिर्फ इस सीरीज में हुए हों ऐसा भी नहीं है इसके पूर्व 2020/21 सीरीज के दौरान भी ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने नस्लीय टिप्पणियों और क्वारंटीन विवाद में भारतीय खिलाड़ियों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की थी।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का यह रवैया उनके खिलाड़ियों के लिए तो सहानुभूति दिखाता है, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों की छवि खराब करने की मंशा भी साफ करता है जो एक जेंटलमेन गेम के लिए किसी सूरत ठीक नहीं है  ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को इस पर विचार करना चाहिए साथ भी बीसीसीआई को भी इसे लेकर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज जरूर करना चाहिए जिससे आने वाली सीरीज में जेंटलमेन गेम की साख बनी रहे 

 

Article By :
Abhilash Shukla

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Editor

Abhilash Shukla

A Electronic and print media veteran having more than two decades of experience in working for various media houses and ensuring that the quality of the news items are maintained.

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