रिश्वतखोरी में नाम आने के बाद अडाणी की मुसीबतें बढ़ी, केन्या ने रद्द किया हवाई अड्डों और बिजली ट्रांसमिशन लाइन का समझौता
by Ardhendu bhushan
- Published On : 21-Nov-2024 (Updated On : 21-Nov-2024 09:27 pm )
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नई दिल्ली। अमेरिका में रिश्वतखोरी के मामले में नाम आने के बाद प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडाणी की मुसीबतें और बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां उनकी कंपनी के शेयरों के लुढ़कने से काफी नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं अब केन्या ने एक नई तकलीफ दे दी है। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने गुरुवार को अडाणी समूह के साथ हुए एक समझौते को रद्द करने का आदेश दिया है। इसके तहत देश के मुख्य हवाई अड्डे के नियंत्रण के साथ ही बिजली ट्रांसमिशन लाइनों का रखरखाव किया जाना था।
रुटो ने कहा कि उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय की ओर से पिछले महीने अडाणी समूह की एक इकाई के साथ विद्युत वितरण लाइनों के निर्माण के लिए 736 मिलियन डॉलर के सार्वजनिक-निजी भागीदारी समझौते किए गए थे। 30 वर्ष की अवधि के लिए किए गए इन समझौतों को रद्द कर दिया गया है। रुटो ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि मैंने परिवहन मंत्रालय और ऊर्जा व पेट्रोलियम मंत्रालय की एजेंसियों को तत्काल चल रही खरीद प्रक्रिया को रद्द करने का निर्देश दिया है।
अडाणी पर लगते रहे हैं आरोप
अडाणी समूह पर पहले भी गंभीर आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले पर्यावरण नियमों का उल्लंघन, कर चोरी और कारोबारी प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने के आरोप लग चुके हैं। भारत में कांग्रेस तो हर चुनाव में इस समूह को लेकर सवाल उठाती रही है। इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला उठने के बाद मुसीबत और बढ़ गई है। अमेरिका में लगाए गए आरोपों और केन्या में डील रद्द होने के बाद अडाणी समूह के अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर भी असर पड़ सकता है।
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