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टाइम पास मूंगफली जैसी झेलनीय फिल्म है -लवयापा

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वेलेंटाइन वीक तो होता ही है बाबू शोना, स्वीटी, बानी बू, गुच्ची गु, जानूं, क्यूटी, बेबी, स्मार्टी, हनी, प्रिंस, प्रिंसेस जैसी डार्लिंगों के लिए। ये वह पीढ़ी है जो पैदा ही हुई है प्यार, मोहब्बत, पब बाजी, लांग ड्राइव, गेट अवे, सोशल मीडिया पर हवाबाजी के लिए। 
इस पीढ़ी की गर्भनाल अपनी मांओं से नहीं, मोबाइल से जुड़ी हुई है। रहीम आज होते तो कहते - बिन मोबाइल सब सून।  सच्ची मुच्ची!  तो भिया, वेलेंटाइन वीक के पहले ही दिन, रोज़ डे पर लग गई 'लवयापा'। सीक्रेट सुपरस्टार और लाल सिंह चड्ढा बनाने वाली आमिर खान की कम्पनी की फिल्म है। इसके नाम में ही आमिर खान की छाप है -...यापा।
एक है गौरव यानी गुच्ची गु और एक है बानी यानी बानी बू।  गुच्ची का अब्बा है आमिर खान, वह फिल्म के पीछे है। बानी बू का बाप है बोनी कपूर। वह भी परदे के पीछे है। बेचारे बापों को बच्चे सेट करने हैं तो 'जनरेशन जी' की कहानी चाहिए थी। वह मिली 2022 की तमिल फिल्म 'लव टुडे' में। 
अब समस्या यह थी अगर यही नाम  लव टुडे रखते तो लगता कि कोई नई मैगजीन या न्यूज़ चैनल आ गया है। तो भिया, जो आमिर खान डीके बोस जैसा गाना बना सकता है वह तमिल की फिल्म लव टुडे का नाम लवयापा क्यों नहीं कर सकता?  बताया गया कि सियापा यानी 'शोक मनाना' बिगड़कर यापा हो गया है। मालवा में एक गाली के साथ यापा लगाया जाता है। 
लवयापा में गुच्ची गु और बानी बू वही करते हैं जो आजकल के बच्चे कर रहे हैं। दोनों झूठ बोलने में उस्ताद हैं। लड़की बॉयफ्रेंड से नया मोबाइल गिफ्ट में लेती है और पिता से कहती है कि उसने मॉल में चल रहे एक कॉम्पिटिशन में जीता है। आशिक को धोखा देते हुए 'एक्स'  लांग ड्राइव पर मनाली जाकर सूर्योदय देखती है,  एक और 'एक्स' को अपने भाई जैसा बोलती है। 
उसका आशिक भी कम नहीं, उसकी तो 'एक्स', 'भूतपूर्व एक्स' और 'भूतपूर्व एक्स एक्स एक्स' भी हैं। लड़कियों के सामने  फैंकता है कि फिल्म बना रहा हूँ, तुम्हारी फोटो भेजो, कुछ फोटो स्टोन एज की भी हो। वह  पोर्न भी देखता है, अश्लील चैटिंग भी करता है और कहता है कि हाँ, मैं यह सब करता हूँ, तभी तो अपनी वाली के साथ सामान्य रह पाता हूँ। 
फिल्म में गुच्ची गु का बाप नहीं है और बानी बू की मां।  दोनों की बहनें हैं, जिनकी शादी तो करनी ही होती है। दोनों के परिवार खाते- पीते हाई मिडिल क्लास के हैं। बानी बू के बप्पा यानी आशुतोष राणा एक दिन बेटी का मोबाइल संवाद सुनकर उसके बाबू शोना को घर बुलाते हैं और तमाम हास्य प्रसंगों के बाद दोनों के मोबाइल आपस में बदल कर कहते हैं कि एक दिन तुम दोनों को इसी का उपयोग करना है, ताकि एक दूसरे को बेहतर समझ सको। 
अब गुच्ची गु का मोबाइल बानी बू के कने, और बानी बू का मोबाइल गुच्ची गु के पास।  यहीं शुरू होता है 'गोंधळात गोंधळ' यानी लफड़े में लफड़ा ! ...और फिर बॉडी शेमिंग, विश्वास, आदर्श आदि के डायलाग।  
अंत में सब भला ! हैप्पी वेलेंटाइन वीक ! 
लव करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है - इस टैगलाइन के साथ फिल्म लगी है।  इसमें शुद्ध हिन्दी बोलनेवालों का मज़ाक उड़ाया गया है। वैसा ही जैसे पीके में एलियन बना आमिर खान शुद्ध हिन्दी बोलता था। गुड नाइट को निशा मंगलम कौन बोलता है? क्या मूल तमिल फिल्म में शुद्ध तमिल बोलनेवालों का मज़ाक बनाया गया होगा?
आमिर खान के बेटे जुनैद खान में कहीं-कहीं पिता की छाप है। ख़ुशी कपूर अपनी बहन जाह्नवी कपूर की तुलना में कमजोर लगीं। कीकू शारदा को बॉडी शेमिंग के अच्छे संवाद मिले। ग्रुषा कपूर और तान्विका पार्लीकर ने बेहतर काम कर दिखाया। 
कुछ संवाद अच्छे हैं जैसे 'टूटे हुए रिश्ते को जोड़ा जाता है, रिप्लेस नहीं किया जाता', 'दिन भर फोन पर लगे रहना भी कोई आसान काम नहीं है'. 'सोशल मीडिया पर प्राइवेट प्रोफाइल कौन बनाता है?', 'सिगरेट पी रहे हो तो हर फिल्म के पहले आनेवाले मुकेश के एड को मत भूलो।' कुछ संवाद आमिर खान की स्टाइल के बचकुण्डे और लम्सोड़े भी हैं जैसे - 'न तो वह बब्बू है, न मैं फुद्दू  हूं' और 'हिसाब और पेशाब साफ़ चाहिए।'
लवयापा देख सकते हैं। आखिर बुद्धिमानी ही सबकुछ नहीं, कुछ न कुछ यापा भी तो हो वेलेंटाइन वीक में। 

टाइम पास मूंगफली जैसी फिल्म है! झेलनीय

Article By :
डॉ.प्रकाश हिन्दुस्तानी, वरिष्ठ पत्रकार

एक है गौरव यानी गुच्ची गु और एक है बानी यानी बानी बू।  गुच्ची का अब्बा है आमिर खान, वह फिल्म के पीछे है। बानी बू का बाप है बोनी कपूर। वह भी परदे के पीछे है। बेचारे बापों को बच्चे सेट करने हैं तो 'जनरेशन जी' की कहानी चाहिए थी।

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Consulting Editor

Ardhendu bhushan

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